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आर्यावर्त वाणी |भोजपुर | 27 अक्टूबर 2025,

भोजपुर। लोक आस्था के महापर्व छठ सोमवार को अपने चरम पर रहा। भोजपुर जिले के उदवंतनगर प्रखंड स्थित बेलाउर सूर्य मंदिर छठ घाट पर सोमवार को लाखों की संख्या में श्रद्धालु उमड़ पड़े। घाट क्षेत्र का हर कोना आस्था, श्रद्धा और भक्ति से सराबोर था। व्रतियों के गीतों और ‘छठी मइया की जय’ के जयघोष से वातावरण गुंजायमान हो उठा।

इस मेले का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन के साथ किया गया, जिसका उद्घाटन आरा (भोजपुर) के एडीएम शशि शेखर, एसडीओ सदर आरा वैभव श्रीवास्तव, संचालन समिति के अध्यक्ष मधेसर शर्मा और सचिव संटू चौधरी ने संयुक्त रूप से किया। उद्घाटन के दौरान स्थानीय जनप्रतिनिधि, प्रशासनिक अधिकारी, पत्रकार, समाजसेवी एवं हजारों श्रद्धालु उपस्थित थे।


🌅 श्रद्धा और आस्था का संगम

बेलाउर सूर्य मंदिर छठ घाट की खासियत यह है कि यहां श्रद्धालु भगवान भास्कर से मनोकामना मांगते हैं, और कहा जाता है कि उनकी मन्नतें अवश्य पूर्ण होती हैं। यही कारण है कि यह घाट धीरे-धीरे क्षेत्र के प्रमुख छठ स्थलों में से एक बन गया है। इस वर्ष श्रद्धालुओं की संख्या पिछले सालों के मुकाबले कहीं अधिक रही। शाम होते-होते पूरा घाट क्षेत्र मानो आस्था के समुद्र में तब्दील हो गया।


🛕 सुदृढ़ व्यवस्था और सुरक्षा इंतजाम

संचालन समिति के अध्यक्ष मधेसर शर्मा ने बताया कि ग्रामीणों के सहयोग और प्रशासन की मदद से पूरे मेला क्षेत्र में सुरक्षा और स्वच्छता की सुदृढ़ व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि “करीब 250 वोलेंटियर घाट परिसर और आसपास के इलाकों में तैनात हैं ताकि किसी श्रद्धालु को किसी प्रकार की परेशानी न हो।”

सुरक्षा के दृष्टिकोण से प्रशासन ने पूरे इलाके में सीसीटीवी कैमरे और ड्रोन कैमरे लगाए हैं। वहीं, आपात स्थिति में मदद के लिए फायर ब्रिगेड की गाड़ी, एम्बुलेंस, और चिकित्सकीय टीम भी मौजूद है। प्रशासन द्वारा घाट तक पहुंचने वाले रास्तों पर बैरियर और बैरिकेडिंग लगाई गई थी ताकि भीड़ पर नियंत्रण रखा जा सके।


🎋 परंपरा और आधुनिकता का मेल

संचालन समिति के सचिव संटू चौधरी ने बताया कि बेलाउर सूर्य मंदिर का यह मेला सदियों पुराना है। पहले यहां केवल आसपास के गांवों के लोग ही इस आयोजन में शामिल होते थे, लेकिन अब इसकी प्रसिद्धि काफी फैल चुकी है। उन्होंने कहा कि “अब यहां आस पास के अलावे काफी दूर दूर के इलाकों से भी श्रद्धालु छठ मनाने यहां आते हैं।”

संटू चौधरी ने यह भी बताया कि प्रशासन और समिति की ओर से लगातार घाट की साफ-सफाई, रोशनी और पेयजल की व्यवस्था पर ध्यान दिया जा रहा है। इस वर्ष घाट पर एलईडी लाइटें, साउंड सिस्टम, मेडिकल कैंप और पार्किंग जोन जैसी सुविधाओं का भी प्रबंध किया गया है।


🙏 व्रतियों ने सराहा व्यवस्था, कुछ बुनियादी सुविधाओं की कमी पर जताई नाराजगी

अर्घ्य देने आई व्रतियों ने इस वर्ष की व्यवस्था की जमकर तारीफ की। कई व्रतियों ने कहा कि “सफाई, सुरक्षा और भीड़ नियंत्रण व्यवस्था इस बार काफी बेहतर रही।”
हालांकि कुछ महिलाओं ने चेंजिंग रूम और शौचालय की कमी पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि “सरकार को हर वर्ष लाखों श्रद्धालुओं के आने के बावजूद इस समस्या पर ध्यान नहीं देना खटकता है। यदि यहां स्थायी व्यवस्था हो जाए तो यह स्थल राज्य का प्रमुख धार्मिक पर्यटन केंद्र बन सकता है।”


🗣 प्रशासनिक प्रतिक्रिया से बचाव

जब इस मुद्दे पर भोजपुर जिले के एडीएम से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने किसी भी टिप्पणी से इंकार करते हुए जिला पदाधिकारी (डीएम) से बात करने की सलाह दी।


🌞 बढ़ती प्रसिद्धि का केंद्र: बेलाउर सूर्य मंदिर

बेलाउर सूर्य मंदिर भोजपुर जिले का एक प्राचीन तीर्थ स्थल है। यहां स्थापित भगवान भास्कर की प्रतिमा अत्यंत प्राचीन और पूज्य मानी जाती है। मान्यता है कि यहां सूर्य देव की आराधना से संतान, स्वास्थ्य और समृद्धि की कामना पूरी होती है। यही कारण है कि हर वर्ष यहां श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती जा रही है।

इस वर्ष घाट पर उमड़ी भीड़ ने यह साबित कर दिया कि बेलाउर सूर्य मंदिर अब भोजपुर का नहीं, बल्कि पूरा बिहार का छठ केंद्र बनता जा रहा है।

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