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आर्यावर्त वाणी विशेष लेख

✨ नवरात्रि का शुभारंभ

भारत में श्रद्धा और भक्ति का महापर्व नवरात्रि आज से प्रारंभ हो गया है। नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा-अर्चना की जाएगी। यह पर्व शक्ति की साधना, आत्मबल जागरण और धर्म की विजय का प्रतीक है।


🙏 प्रथम दिन : देवी शैलपुत्री की पूजा

नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा होती है।

पर्वतराज हिमालय की पुत्री होने के कारण इन्हें शैलपुत्री कहा जाता है।

मां शैलपुत्री को देवी दुर्गा का प्रथम स्वरूप माना गया है।

इनके हाथ में त्रिशूल और कमल है तथा वाहन नंदी (बैल) है।

आध्यात्मिक महत्व
मां शैलपुत्री की उपासना से साधक को स्थिरता, धैर्य और जीवन में नई ऊर्जा की प्राप्ति होती है। कहा जाता है कि जो व्यक्ति पूरे श्रद्धाभाव से प्रथम दिन व्रत रखकर माता का ध्यान करता है, उसके जीवन से भय और नकारात्मकता दूर हो जाती है।


🌺 नवरात्रि का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व

इन नौ दिनों में भक्त सात्त्विक आहार अपनाते हैं और व्रत-उपवास रखते हैं।

जगह-जगह भजन, कीर्तन और जागरण होते हैं।

गुजरात व महाराष्ट्र में गरबा-डांडिया का रंग छा जाता है, वहीं उत्तर भारत में दुर्गा पूजा पंडाल भक्ति और कला का अद्भुत संगम पेश करते हैं।


🔱 विजयादशमी का संदेश

नवरात्रि का समापन विजयादशमी पर होता है, जो असत्य पर सत्य और अधर्म पर धर्म की विजय का प्रतीक है। भगवान राम द्वारा रावण वध की कथा इस पर्व को और भी ऐतिहासिक बना देती है।


नवरात्रि केवल उत्सव नहीं, बल्कि यह शक्ति, साहस और सकारात्मकता का संदेश देने वाला पर्व है। मां शैलपुत्री से लेकर नवमी तक हर देवी का स्वरूप हमें जीवन की किसी न किसी चुनौती का सामना करने की प्रेरणा देता है।

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