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आर्यावर्त वाणी | गयाजी | 23 नवम्बर 2025,

गयाजी। विश्व विरासत सप्ताह (19-25 नवम्बर 2025) के अवसर पर रविवार को गया जी संग्रहालय सभागार में “मगध क्षेत्र की पुरातात्विक विरासत” विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम बिहार सरकार के कला, संस्कृति एवं युवा विभाग, बिहार विरासत विकास समिति तथा गया जी संग्रहालय के संयुक्त तत्वावधान में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इस विश्व विरासत सप्ताह पर गयाजी संग्रहालय में पधारे विशेषज्ञों ने अपना अपना दृष्टिकोण रखा।

संगोष्ठी में मुख्य वक्ता के रूप में मगध विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार बी.के. मंगलम, इतिहास विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. अलका मिश्रा, गया कॉलेज के इतिहास विशेषज्ञ प्रो. किशोर कुणाल तथा किलकारी के मगध प्रमंडल समन्वयक राजीव रंजन श्रीवास्तव ने हिस्सा लिया।

संगोष्ठी में उपस्थित वक्ताओं ने कहा कि मगध की ऐतिहासिक धरोहरें भारतीय सभ्यता की गौरवशाली पहचान हैं। बौद्ध धर्म, मौर्य साम्राज्य से लेकर गुप्तकाल तक यह क्षेत्र विश्व इतिहास में विशेष स्थान रखता है। पुरातत्व संरक्षण के साथ इनके वैज्ञानिक अध्ययन एवं प्रचार-प्रसार पर बल देना समय की आवश्यकता है।

कार्यक्रम में सैकड़ों की संख्या में स्थानीय छात्र-छात्राएँ भी उपस्थित रहे और पुरातात्विक महत्व से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्यों को जानने में उत्साह दिखाया।

निवेदक डॉ. सुधीर कुमार यादव, सहायक संग्रहालयाध्यक्ष, गया जी संग्रहालय और कृष्ण कुमार, भा.प्र.से., कार्यपालक निदेशक, बिहार विरासत विकास समिति के मार्गदर्शन में यह आयोजन ऐतिहासिक व बौद्धिक दोनों स्तरों पर अत्यंत सफल माना गया।

विशेषज्ञों ने उम्मीद जताई कि ऐसे आयोजन मगध की विश्वस्तरीय विरासत को आगे की पीढ़ियों तक सुरक्षित रूप से पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

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