आर्यावर्त वाणी |गयाजी | 24 सितम्बर 2025,

गयाजी, निबंधन सह परामर्श केन्द्र, गयाजी के सभा कक्ष में बुधवार को श्रम अधिकार दिवस सह ग्रामीण प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ उप श्रमायुक्त विनोद कुमार प्रसाद, सहायक श्रमायुक्त पूनम कुमारी एवं जिला जनसंपर्क पदाधिकारी दीपक चन्द्रदेव ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर तथा बिहार गाथा प्रस्तुत कर किया।
इस अवसर पर श्रम अधीक्षक मृत्युंजय झा, डी.आर.सी.सी. प्रबंधक, श्रम संगठन प्रतिनिधि अरविंद कुमार, सभी प्रखंडों के श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी एवं जिले के प्रत्येक पंचायत से आए श्रमिक उपस्थित रहे।
योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी गई
शिविर में श्रम संसाधन विभाग की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं पर विस्तार से जानकारी दी गई। बिहार भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के तहत पंजीकृत श्रमिक की स्वाभाविक मृत्यु पर ₹2 लाख तथा दुर्घटना मृत्यु पर ₹4 लाख की सहायता राशि उपलब्ध कराई जाती है।
बिहार शताब्दी असंगठित कार्यक्षेत्र कामगार एवं शिल्पकार सामाजिक सुरक्षा योजना के अंतर्गत स्वाभाविक मृत्यु पर ₹50 हजार एवं दुर्घटना मृत्यु पर ₹2 लाख की सहायता दी जाती है।
बिहार राज्य प्रवासी मजदूर दुर्घटना अनुदान योजना के लाभ की जानकारी भी श्रमिकों को दी गई।
बाल श्रम उन्मूलन पर विशेष चर्चा
श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी अंजु कुमारी ने बाल श्रम उन्मूलन विषय पर कहा कि दोषी नियोक्ताओं पर ₹20 हजार से ₹50 हजार तक जुर्माना तथा 6 माह से 2 वर्ष तक कारावास का प्रावधान है। वहीं विमुक्त बाल श्रमिकों को ₹3,000 की तत्काल सहायता राशि एवं ₹25,000 पुनर्वास राशि प्रदान की जाती है।
अन्य महत्वपूर्ण विषय
श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी राकेश कुमार (शेरघाटी) ने न्यूनतम मजदूरी अधिनियम एवं प्रवासी मजदूर दुर्घटना योजना पर प्रकाश डाला।
श्रम अधीक्षक मृत्युंजय झा ने बंधुआ मजदूर अधिनियम पर जानकारी दी।
बोधगया के श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी ने मृत्यु लाभ एवं दाह संस्कार सहायता योजना के संबंध में जानकारी दी।
लाभार्थियों को चेक का वितरण

कार्यक्रम में विभिन्न योजनाओं से चयनित लाभार्थियों को डमी चेक प्रदान किए गए। साथ ही पंचायतों से आए श्रमिकों को एक दिन की मजदूरी एवं यात्रा व्यय का भुगतान भी किया गया।
कार्यक्रम का उद्देश्य
इस शिविर का मुख्य उद्देश्य श्रमिकों को उनके अधिकारों एवं कल्याणकारी योजनाओं से अवगत कराना और ग्रामीण स्तर पर जागरूकता को बढ़ावा देना था। कार्यक्रम का समापन धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जिसे श्रम अधीक्षक मृत्युंजय झा ने प्रस्तुत किया।