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आर्यावर्त वाणी | नई दिल्ली | 24 नवंबर 2025

नई दिल्ली। जस्टिस सूर्यकांत ने सोमवार को भारत के 53वें प्रधान न्यायाधीश (सीजेआइ) के रूप में पद और गोपनीयता की शपथ ग्रहण की। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में उन्हें शपथ दिलाई। जस्टिस सूर्यकांत ने जस्टिस बीआर गवई का स्थान लिया है, जो रविवार को सेवानिवृत्त हुए।


हिंदी में ली शपथ, परिवार से लिया आशीर्वाद

हरियाणा के हिसार से आने वाले जस्टिस सूर्यकांत ने ईश्वर के नाम पर हिंदी भाषा में शपथ ली। शपथ के तुरंत बाद उन्होंने अपने परिवार के बड़े सदस्यों के पैर छूकर आशीर्वाद प्राप्त किया। समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन, सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों और अनेक गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति रही। प्रधानमंत्री मोदी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट कर जस्टिस सूर्यकांत को कार्यकाल की शुभकामनाएं दीं।


पहली बार शपथ समारोह में शामिल हुए विदेशी न्यायाधीश

यह शपथ ग्रहण समारोह कई मायनों में ऐतिहासिक रहा। पहली बार इस अवसर पर अन्य देशों के शीर्ष न्यायाधीश भी मौजूद रहे। समारोह में भूटान, केन्या, मलेशिया, ब्राजील, मॉरीशस, नेपाल और श्रीलंका के न्यायाधीश शामिल हुए, जो भारत की न्यायपालिका की वैश्विक प्रतिष्ठा को दर्शाता है।


करियर उपलब्धियाँ और कार्यकाल

जस्टिस सूर्यकांत 24 मई 2019 को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश बने थे। उन्हें 30 अक्टूबर 2025 को अगला प्रधान न्यायाधीश नामित किया गया। वे लगभग 15 महीने तक इस पद पर रहेंगे और 9 फरवरी 2027 को सेवानिवृत्त होंगे।


पहले ही दिन दिखाई कार्यक्षमता

सीजेआइ का पदभार संभालते ही जस्टिस सूर्यकांत ने पहले दिन ही लगभग दो घंटे में 17 मामलों की सुनवाई की। इस दौरान उनकी पीठ में जस्टिस जोयमाल्या बागची और जस्टिस अतुल एस. चंदुरकर शामिल रहे।


न्यायपालिका के सर्वोच्च पद पर आसीन होने के बाद देश को उनसे न्यायिक सुधार, पारदर्शिता और आम नागरिकों के लिए न्याय तक सहज और समयबद्ध पहुँच सुनिश्चित करने की महत्वपूर्ण उम्मीदें हैं।

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