आर्यावर्त वाणी |पटना / मोकामा | 31अक्टूबर 2025,
पटना: मोकामा विधानसभा क्षेत्र में जनसुराज पार्टी के समर्थक दुलारचंद यादव की हत्या ने बिहार की राजनीति को झकझोर दिया है। आरोप बाहुबली नेता और जदयू प्रत्याशी अनंत सिंह पर लगा है। पुलिस ने परिजनों की शिकायत पर अनंत सिंह सहित पाँच लोगों के खिलाफ हत्या सहित कई गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया है।
घटना कैसे हुई
सूत्रों के अनुसार, गुरुवार देर शाम मोकामा के भदौर थाना क्षेत्र में दुलारचंद यादव जनसुराज के प्रत्याशी प्रियदर्शी पीयूष के चुनाव प्रचार में शामिल थे। इसी बीच जदयू के प्रत्याशी अनंत सिंह के काफिले से सामना हो गया और फिर दोनों ओर से रोड़ेबाजी होने लगी तभी अज्ञात हमलावरों ने फायरिंग की, जिसमें दुलारचंद गंभीर रूप से घायल हो गए। अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय लोगों में आक्रोश फैल गया। शव को लेकर लोगों ने मुख्य सड़क पर जाम कर प्रदर्शन किया।प्रशासन ने हालात को नियंत्रित करने के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया है।
FIR दर्ज — अनंत सिंह पर नामजद आरोप
दुलारचंद के परिजनों ने थाना में दर्ज कराई प्राथमिकी में सीधे तौर पर अनंत सिंह और उनके समर्थकों का नाम लिया है। FIR में हत्या, साजिश और आर्म्स एक्ट की धाराएँ जोड़ी गई हैं। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और तकनीकी साक्ष्य, CCTV फुटेज तथा प्रत्यक्षदर्शियों के बयान एकत्र किए जा रहे हैं।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर विवाद
पोस्टमार्टम रिपोर्ट को लेकर भी विवाद खड़ा हो गया है। कुछ रिपोर्टों में कहा गया है कि मौत गोली लगने से हुई, जबकि अन्य रिपोर्टें किसी और वजह का संकेत दे रही हैं। फोरेंसिक जांच रिपोर्ट आने के बाद ही असल कारण स्पष्ट हो पाएगा।
राजनीतिक हलचल तेज
घटना के बाद बिहार की सियासत में भूचाल आ गया है। जनसुराज पार्टी और विपक्षी दलों ने इसे लोकतंत्र पर हमला बताया है। वहीं, अनंत सिंह ने खुद पर लगे आरोपों को “राजनीतिक षड्यंत्र” करार दिया है। प्रशांत किशोर ने कहा, “यह सिर्फ एक हत्या नहीं, बल्कि सत्ता के संरक्षण में चल रही गुंडागर्दी का उदाहरण है।”
प्रशासन का दावा
पटना के वरीय पुलिस अधीक्षक ने बताया कि “मामला गंभीर है। नामजद सभी आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए विशेष टीम गठित की गई है। क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए फ्लैग मार्च किया जा रहा है।”
मोकामा में बढ़ा तनाव
शव यात्रा के दौरान पथराव और फायरिंग की खबरों के बाद माहौल तनावपूर्ण हो गया। इंटरनेट सेवा पर भी अस्थायी रोक लगाए जाने की चर्चा है, हालांकि प्रशासन ने इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की है।
मोकामा में हुई यह हत्या चुनावी दौर में कानून-व्यवस्था की परीक्षा बन गई है। स्थानीय लोग मांग कर रहे हैं कि दोषियों की शीघ्र गिरफ्तारी हो और इस तरह की घटनाओं को राजनीति के नाम पर संरक्षण न मिले।