आर्यावर्त वाणी |दरभंगा | 23 अक्टूबर 2025,
दरभंगा, बिहार के दरभंगा जिले की अलीनगर विधानसभा में आयोजित एक चुनावी सभा के दौरान मिथिला की अस्मिता से जुड़ा बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। उत्तर प्रदेश की भाजपा विधायक केतकी सिंह के एक बयान और उनकी हरकत ने पूरे मिथिला क्षेत्र में आक्रोश फैला दिया है।
सभा के दौरान विधायक केतकी सिंह ने मंच पर रखी मिथिला पाग उठाई और कहा — “यह मिथिला का सम्मान नहीं है, मिथिला का असली सम्मान मैथिली ठाकुर हैं।” इतना कहने के बाद उन्होंने पाग को टेबल पर फेंक दिया। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है, जिसके बाद मैथिली समाज, सांस्कृतिक संगठनों और आम लोगों ने इसे “मिथिला की परंपरा का अपमान” बताया है।
मिथिला में गुस्सा और विरोध
दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर समेत पूरे मिथिला अंचल में लोगों ने इस बयान की निंदा की है। विद्यापति सेवा संस्थान और कई सांस्कृतिक संगठनों ने इसे “मिथिला की गौरवशाली पहचान पाग का अपमान” बताया है। कई जगहों पर केतकी सिंह का पुतला दहन करने की भी तैयारी की जा रही है।
क्या है ‘पाग’ का महत्व
मिथिला पाग सम्मान, आदर और गौरव का प्रतीक मानी जाती है। किसी अतिथि का स्वागत या किसी विद्वान को सम्मानित करते समय पाग पहनाई जाती है। ऐसे में इसे मंच से “महत्वहीन” बताना लोगों की सांस्कृतिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने के बराबर है।

केतकी सिंह ने दी सफाई
विवाद बढ़ने के बाद केतकी सिंह ने कहा कि उनका इरादा किसी का अपमान करने का नहीं था। उन्होंने कहा “मैंने सिर्फ इतना कहा कि मैथिली ठाकुर भी मिथिला का सम्मान हैं। अगर किसी को मेरी बात से ठेस पहुँची है तो मैं खेद प्रकट करती हूँ।”
राजनीतिक हलचल भी तेज
चुनावी मौसम में यह विवाद बीजेपी के लिए मुश्किलें बढ़ा सकता है। विपक्षी दलों ने इसे “मिथिला अस्मिता पर हमला” बताते हुए भाजपा से माफी की मांग की है।
वहीं सोशल मीडिया पर भी #SaveMithilaPagh और #RespectMithilaCulture जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं।
मिथिला पाग सिर्फ एक वस्त्र नहीं, बल्कि सम्मान और गौरव का प्रतीक है। चुनावी रैलियों में अगर ऐसी सांस्कृतिक प्रतीकों का अनादर होता है, तो यह न केवल राजनीति बल्कि सामाजिक एकता के लिए भी चुनौती है।