आर्यावर्त वाणी | अयोध्या | 25 नवम्बर 2025,
अयोध्या में मंगलवार को वह पावन क्षण आया, जिसका इंतजार सदियों से था। पांच दिवसीय अनुष्ठान की पूर्णाहुति पर धर्म ध्वजा राम मंदिर के शिखर पर आरोहित की गई। अभिजित मुहूर्त में आयोजित इस समारोह में धार्मिक भावनाओं की गरिमा और सांस्कृतिक चेतना की विराट अनुभूति देखने को मिली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कंपकंपाते हाथों से धर्म ध्वजा को प्रणाम किया और उनकी आंखें भावनाओं से भर आईं।
धर्म ध्वजा का प्रतीकात्मक संदेश
18 फीट लंबी और 9 फीट चौड़ी इस धर्म ध्वजा को फहराते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह सनातन धर्म के पुनर्जागरण का ध्वज है। भगवा रंग, ॐ का पवित्र स्वर और कोविदार वृक्ष रामराज्य की कीर्ति का प्रतीक हैं। पीएम मोदी ने जोर देकर कहा कि यह ध्वज “संकल्प, विश्वास और सफलता” का प्रतिनिधित्व करता है।
सदियों के संघर्ष का स्मरण
अपने 32 मिनट के संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि आज उस लंबे यज्ञ की पूर्णाहुति हुई है, जिसकी पवित्र अग्नि 500 वर्षों तक प्रज्वलित रही। उन्होंने कहा—“सदियों की वेदना आज विराम पा रही है। संपूर्ण भारत और विश्व राममय है।” उन्होंने यह भी कहा कि कभी मानसिक गुलामी के कारण भगवान राम को काल्पनिक कहने का दुस्साहस किया गया, लेकिन आज भारत अपनी सांस्कृतिक चेतना के उत्कर्ष बिंदु पर खड़ा है।
सामाजिक समरसता और सहभागिता का संदेश
प्रधानमंत्री मोदी ने रामायण के चरित्रों से प्रेरणा लेते हुए सामूहिकता की शक्ति पर बल दिया। उन्होंने कहा कि जैसे माता शबरी, वाल्मीकि, विश्वामित्र, निषादराज, जटायु और गिलहरी के योगदान ने एक राजकुमार को मर्यादा पुरुषोत्तम बनाया, वैसे ही विकसित भारत का निर्माण भी सामूहिक प्रयासों से ही संभव होगा।
उन्होंने बताया कि बीते 11 वर्षों में महिला, दलित, पिछड़े, आदिवासी, किसान, श्रमिक सहित सभी वर्गों को विकास के केंद्र में रखा गया है।
2047 तक विकसित भारत का संकल्प
प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया कि जब देश आजादी के 100 वर्ष पूरे करेगा, तब तक विकसित भारत का निर्माण हमारा राष्ट्रधर्म है। उन्होंने कहा कि भारत के हर घर में राम बसे हैं, और जब हम संकल्प लेकर आगे बढ़ेंगे, तो कोई भी मानसिक गुलामी हमें रोक नहीं सकेगी।
धर्म ध्वजा का वैज्ञानिक निर्माण
धर्म ध्वजा देश की प्रतिष्ठित रक्षा पीएसयू, ग्लाइडर्स इंडिया लिमिटेड (आयुध पैराशूट फैक्ट्री, कानपुर) द्वारा निर्मित है। लगभग दो किलोग्राम वजन वाली यह ध्वजा पैराशूट-ग्रेड फैब्रिक से बनी है और प्रतिकूल मौसम में चार वर्षों तक बिना प्रभावित हुए टिकाऊ बनी रहेगी।
प्रधानमंत्री का जनसंपर्क और दर्शन
सुबह 9:35 बजे अयोध्या पहुंचने के बाद प्रधानमंत्री ने साकेत महाविद्यालय से राममंदिर तक के मार्ग में खड़े रामभक्तों का अभिवादन किया। रामलला, सप्तऋषि मंडप और विभिन्न उपमंदिरों में उन्होंने विधिवत दर्शन-पूजन किया। कार्यक्रम का संचालन श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सचिव चंपतराय ने किया।
पीएम मोदी का एक्स पोस्ट
ध्वजारोहण के बाद पीएम मोदी ने एक्स पर लिखा—
“अयोध्या धाम में राम मंदिर के ध्वजारोहण समारोह का हिस्सा बनना अत्यंत भावविभोर करने वाला अनुभव है। यह ध्वज सुशासन, नीति, न्याय और विकसित भारत के नवजागरण का प्रतीक बने—इसी रूप में सदा आरोहित रहे। जय जय सियाराम।”