आर्यावर्त वाणी | गयाजी | 09 अक्टूबर 2025,
गयाजी। किलकारी बिहार बाल भवन गया के प्रांगण में आयोजित तीन दिवसीय फोटोग्राफी कार्यशाला का आज सफल समापन हुआ। इस कार्यशाला ने बच्चों को न सिर्फ कैमरे की तकनीक सिखाई, बल्कि उन्हें दुनिया को एक नए नजरिए से देखने की प्रेरणा भी दी।
कार्यशाला के अंतिम दिन की शुरुआत सुबह 7 बजे आउटडोर फोटोग्राफी सत्र से हुई, जिसमें बच्चे अपने प्रशिक्षकों के साथ विष्णुपद मंदिर पहुँचे। वहां उन्होंने मंदिर परिसर, घाट, श्रद्धालुओं की भावनाओं, प्रकृति और जीवन के रंगों को कैमरे में कैद किया। इस दौरान बच्चों ने फोटोग्राफी की फ्रेमिंग, लाइटिंग, एंगल और पर्सपेक्टिव जैसी बारीकियों को समझा।
आउटडोर सत्र के बाद बाल भवन परिसर में बच्चों द्वारा खींची गई तस्वीरों की प्रदर्शनी लगाई गई। इन तस्वीरों में उनकी संवेदनशीलता, रचनात्मकता और सीखने की गहराई साफ झलक रही थी।
समापन समारोह में वरिष्ठ फोटोग्राफर रूपक कुमार सिन्हा मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन बच्चों में आत्मविश्वास और अभिव्यक्ति की शक्ति को बढ़ाते हैं। इस अवसर पर प्रशिक्षक विकास कुमार एवं कनिष्क सत्या को उत्कृष्ट मार्गदर्शन के लिए सम्मानित किया गया। सभी प्रतिभागी बच्चों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।
“किलकारी का प्रयास हमेशा यही रहा है कि बच्चों को सीखने के साथ अनुभव का अवसर भी मिले। फोटोग्राफी जैसी कला बच्चों में संवेदनशीलता और एकाग्रता दोनों विकसित करती है।”
राजीव रंजन श्रीवास्तव, प्रमंडल कार्यक्रम समन्वयक
“कैमरा सिर्फ एक उपकरण नहीं, बल्कि यह देखने और महसूस करने का माध्यम है। जब बच्चे किसी दृश्य को ध्यान से देखते हैं, तो वे सिर्फ तस्वीर नहीं लेते, बल्कि उस पल की आत्मा को कैद करते हैं।”
आकाश कुमार, सहायक कार्यक्रम पदाधिकारी
इस अवसर पर सहायक लेखा पदाधिकारी गुड़िया कुमारी, प्रमंडल संसाधन सेवी सोनम कुमारी, तथा किलकारी के प्रशिक्षक भी उपस्थित रहे। बच्चों ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि यह कार्यशाला उनके जीवन का एक यादगार और प्रेरक अनुभव रही। कार्यक्रम का समापन ग्रुप फोटोग्राफी के साथ हुआ।
