
Aryavart Vaani |New Delhi | 26 august 2025
आज पूरे देश में तीज का पावन पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। सुबह से ही मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी है और घर-घर में शिव-पार्वती की आराधना की गूंज सुनाई दे रही है। विवाहित महिलाएँ पति की लंबी आयु और वैवाहिक सुख की कामना से व्रत रखकर माता पार्वती और भगवान शिव की उपासना कर रही हैं।
धार्मिक आस्था
पौराणिक मान्यता है कि माता पार्वती ने कठोर तप कर भगवान शिव को पति स्वरूप प्राप्त किया था। तभी से तीज व्रत का शुभारंभ हुआ। यही कारण है कि यह दिन स्त्रियों के लिए समर्पण, प्रेम और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है।
पूजन और परंपरा
- महिलाएँ आज दिनभर निर्जला या फलाहार व्रत रखती हैं।
- संध्या समय शिव-पार्वती की विशेष पूजा और व्रत कथा का आयोजन होता है।
- सोलह श्रृंगार कर महिलाएँ मंगलकामना के साथ आरती करती हैं।
- परंपरा के अनुसार चाँद को अर्घ्य अर्पित करने के बाद व्रत पूरा किया जाता है।
उत्सव का रंग
धार्मिक अनुष्ठानों के साथ ही तीज पर्व का सांस्कृतिक और सामाजिक स्वरूप भी बेहद खास है। झूले, लोकगीत, मेहंदी और नृत्य इसकी शोभा बढ़ाते हैं। सखियाँ और रिश्तेदार मिलकर उल्लास से यह दिन मनाते हैं। बाजारों में सुहाग सामग्री और श्रृंगार का सामान खूब बिक रहा है, जिससे पूरे माहौल में उत्सव की रौनक दिखाई दे रही है।
पर्व का संदेश
तीज केवल व्रत या रस्मों का दिन नहीं, बल्कि यह हमें पति-पत्नी के रिश्ते में त्याग, विश्वास और प्रेम की याद दिलाता है। यह पर्व परिवार को जोड़ने और समाज में सौहार्द की भावना जगाने का एक अद्भुत अवसर है।