आर्यावर्त वाणी|20 अगस्त 2025,नई दिल्ली
नई दिल्ली।
देश में राजनीतिक भ्रष्टाचार के विरुद्ध मोदी सरकार की प्रतिबद्धता और जनता के बढ़ते आक्रोश को देखते हुए आज संसद में एक महत्त्वपूर्ण संवैधानिक संशोधन विधेयक पेश किया गया। लोकसभा अध्यक्ष की अनुमति के बाद पेश किए गए इस बिल का उद्देश्य सार्वजनिक जीवन में नैतिकता और शुचिता सुनिश्चित करना है।
बिल के प्रमुख प्रावधान
- जेल से शासन पर रोक – प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, केंद्र और राज्य सरकार के मंत्री अगर गिरफ्तार होकर जेल जाते हैं, तो वे पद पर रहते हुए शासन नहीं चला पाएँगे।
- संविधान निर्माताओं की मंशा – जब संविधान बनाया गया था, तब ऐसी स्थिति की कल्पना भी नहीं की गई थी कि कोई व्यक्ति गिरफ्तारी के बावजूद पद से इस्तीफा न दे और जेल से ही सरकार चलाता रहे। हाल के वर्षों में ऐसी घटनाएँ सामने आने के बाद इस संशोधन की आवश्यकता महसूस की गई।
- जमानत की समय-सीमा – किसी भी गिरफ्तार नेता को 30 दिन के भीतर अदालत से जमानत लेनी होगी। यदि वह इसमें असफल रहता है तो 31वें दिन से वह पद पर बने रहने के लिए स्वतः अयोग्य माना जाएगा। हालाँकि, जमानत मिलने पर वह अपने पद पर पुनः आसीन हो सकता है।
बिल का उद्देश्य
इस संशोधन का मुख्य लक्ष्य राजनीति में गिरते नैतिक स्तर को सुधारना और शासन व्यवस्था में शुचिता लाना है।