आर्यावर्त वाणी |गयाजी | 18 सितंबर 2025,

विश्वप्रसिद्ध पितृपक्ष मेला 2025 के अवसर पर जिला पर्यटन, कला संस्कृति, युवा एवं सूचना प्रसारण विभाग की ओर से मंगलवार को विष्णुपद प्रांगण में “कला ज्योति संस्कारशाला” की विशेष प्रस्तुति आयोजित हुई। इस दौरान अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित लेखक एवं निर्देशक शम्भू सुमन द्वारा लिखित एवं निर्देशित नाटक “अगर कहीं मैं तोता होता” का मंचन किया गया।
नाटक की कथा गयाजी की जीवनदायिनी एवं मोक्षदायिनी पवित्र फल्गु नदी पर आधारित रही। इसमें संदेश दिया गया कि फल्गु नदी में गंदगी न डालें, पक्षियों से प्रेम करें, उन्हें बचाने का प्रयास करें तथा प्रकृति के संरक्षण में हर नागरिक अपनी भूमिका निभाए।
कला ज्योति संस्कारशाला के 25 सदस्यीय महिला जत्थे ने प्रभावशाली अभिनय प्रस्तुत किया, जिससे दर्शक अभिभूत हो उठे। प्रस्तुति में कसक कुमारी, दीपिका कुमारी, विशाखा कुमारी, आराध्या नयन, पूजा कुमारी, परी गुप्ता, आलिया कुमारी, तन्नू कुमारी, तनुजा कुमारी, परिधि कौशल, मानवी गुप्ता, चाहत कुमारी, राधिका कुमारी, रितिका कुमारी, सान्बी कुमारी, प्रसिद्धि राज, रोशनी कुमारी, आयुषी कुमारी, नव्या कुमारी, सेजल रब्बानी, अंशिका कुमारी, वैष्णवी गुप्ता, अदिति राज कन्हैया एवं आणवि कुमारी शामिल थीं।

इस अवसर पर संत कबीर अकादमी के निदेशक दामोदर प्रसाद ने कहा कि यह नाटक अत्यंत शिक्षाप्रद है। इसे जन-अभियान की तरह व्यापक रूप से प्रदर्शित किया जाना चाहिए, ताकि सभी आयु वर्ग के लोग इससे शिक्षा ग्रहण करें और हमारी धरोहर एवं प्रकृति दोनों संरक्षित रह सकें।
गयाजी की सांस्कृतिक धरती पर हुए इस मंचन ने पितृपक्ष मेले में न केवल आध्यात्मिकता बल्कि पर्यावरणीय चेतना का भी संदेश दिया।
