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आर्यावर्त वाणी | पटना | 03 अक्टूबर 2025,

पटना, दुर्गा पूजा के दौरान राजधानी पटना में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी, लेकिन इस भीड़ को संभालने में ट्रैफिक और पार्किंग की व्यवस्था बुरी तरह फेल साबित हुई। सप्तमी और अष्टमी के दिन पुलिस ने रिकॉर्ड स्तर पर चालान काटे। सप्तमी को 21 लाख और अष्टमी को 40 लाख रुपये। कुल मिलाकर 61 लाख का चालान दो दिनों में पटनाइट्स पर ठोका गया।

कहां-कहां काटे गए चालान

सप्तमी के दिन सबसे अधिक चालान रामनगरी इलाके में 3.30 लाख रुपये का काटा गया। इसके बाद दीदारगंज (1.38 लाख), खगौल (1.26 लाख), रूपसपुर (1.18 लाख) और कुर्जी मोड़ (90 हजार) प्रमुख रहे। वहीं अष्टमी पर फिर रामनगरी टॉप पर रहा, जहां 5.53 लाख का चालान काटा गया। इसके अलावा रूपसपुर (2.76 लाख), खगौल (2.63 लाख), कुर्जी मोड़ (2.06 लाख), जगदेव पथ (1.80 लाख), दिनकर गोलंबर (1.73 लाख) और दीदारगंज (1.85 लाख) पर भारी कार्रवाई हुई।

25 लाख वाहन बनाम 35 हजार स्लॉट्स

पटना शहर में पंजीकृत वाहनों की संख्या लगभग 25 लाख तक पहुंच चुकी है, जिसमें 18 लाख से अधिक दोपहिया और करीब 5 लाख चारपहिया वाहन शामिल हैं। लेकिन उपलब्ध पार्किंग स्पेस महज 30-35 हजार है। यानी वाहनों का केवल 10-15% हिस्सा ही सुरक्षित पार्क हो सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, न्यूनतम जरूरत के हिसाब से पटना को कम से कम 1 लाख पार्किंग स्पेस चाहिए।

पूजा में 20-30% बढ़ा दबाव

दुर्गा पूजा जैसे बड़े आयोजनों पर हालात और बिगड़ जाते हैं। बाहर से आने वाले लोगों की गाड़ियों के चलते वाहनों की संख्या में 20-30% की बढ़ोतरी हो जाती है। इस बार भी लगभग 5-7 लाख अतिरिक्त वाहन सड़कों पर उतरे, जिससे पार्किंग और जाम की समस्या और विकराल हो गई।

लोगों का सवाल: व्यवस्था कहां थी?

लोगों का कहना है कि जब शहर में पहले से ही पर्याप्त पार्किंग स्पेस नहीं है, तो ऐसे त्योहारों में अस्थायी पार्किंग की व्यवस्था क्यों नहीं की गई। चालान काटने से पहले प्रशासन को पंडालों के आसपास अतिरिक्त पार्किंग जोन बनाने चाहिए थे।नतीजतन, दो दिनों में 61 लाख रुपये का चालान काटकर प्रशासन ने नियम तो जरूर लागू किए, लेकिन पटनाइट्स के लिए यह सवाल अब भी बरकरार है, क्या पूजा में निकली भीड़ को पर्याप्त पार्किंग व्यवस्था दी गई थी? जवाब खुद-ब-खुद “नहीं” में मिलता है।

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