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आर्यावर्त वाणी | गयाजी | 27 सितंबर 2025,

गयाजी, लालगंज (बिहार)  रोज़गार की तलाश में गाँव से बाहर निकला संतोष यादव, पिछले पाँच महीनों से रहस्यमयी परिस्थितियों में लापता है। परिवार का आरोप है कि गाँव के ही नरेश यादव काम दिलाने के बहाने संतोष को बाहर ले गया था, लेकिन उसके बाद से अब तक उसका कोई सुराग नहीं मिला।

परिजनों ने बताया कि नरेश ने सफाई दी है कि उसने संतोष को ट्रेन में बैठाया और उसके बाद की जानकारी उसके पास नहीं है। लेकिन संतोष के पिता मुनी यादव का आरोप है कि नरेश साफ-साफ कुछ नहीं बता रहा है और उसका आचरण पहले से ही संदिग्ध रहा है।

पीड़ित परिवार ने इस मामले में 27 मई 2025 को FIR दर्ज कराई थी। शिकायत में स्पष्ट रूप से उल्लेख है कि नरेश यादव, संतोष को लगभग 15 दिन पहले कमाने के बहाने घर से बाहर ले गया था और तभी से वह लापता है।

लंबे समय से जारी तलाश के बावजूद पुलिस अब तक कोई ठोस सुराग जुटाने में विफल रही है। परिवार का कहना है कि पाँच महीने गुजर जाने के बाद भी प्रशासनिक स्तर पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई, जिससे उनकी पीड़ा और बढ़ गई है।

माँ अपने बेटे की राह ताकते हुए दिन-रात आँसुओं में डूबी रहती हैं, वहीं पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल है। पिता मुनी यादव का कहना है–“मुझे लगता है कि अब मेरा बेटा जीवित नहीं है। या तो उसे मार दिया गया है या कहीं बेच दिया गया है।”

स्थानीय लोगों का भी मानना है कि इस मामले की सच्चाई तभी सामने आएगी जब नरेश यादव से सख़्ती से पूछताछ की जाएगी।

अब देखना यह है कि क्या पुलिस और प्रशासन इस मामले में कोई ठोस कदम उठाता है, या फिर यह गुमशुदगी महज़ एक और अधूरी कहानी बनकर रह जाएगी।

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