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आर्यावर्त वाणी | गयाजी | 06 दिसंबर 2025,

गयाजी: किलकारी बिहार बाल भवन, गयाजी के प्रांगण में 06 और 07 दिसंबर 2025 को आयोजित दो दिवसीय जिला स्तरीय कबड्डी प्रतियोगिता का पहला दिन बालिकाओं की अदम्य ऊर्जा, फुर्ती और खेल कौशल के नाम रहा। जिले के विभिन्न विद्यालयों से आई लगभग 250 बालिकाओं ने कबड्डी के मैदान पर अपनी प्रतिभा का ऐसा प्रदर्शन किया कि दर्शकों, शिक्षकों और अतिथियों में रोमांच भर दिया। प्रतियोगिता का शुभारंभ किलकारी बिहार बाल भवन के प्रमंडलीय कार्यक्रम समन्वयक राजीव रंजन श्रीवास्तव, बिहार कबड्डी संघ के टेक्निकल चेयरमैन आनंद शंकर तिवारी, कबड्डी एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष कमलेश कुमार, योगाचार्य नवीन आचार्य, सहायक कार्यक्रम पदाधिकारी आकाश कुमार, लेखा पदाधिकारी गुड़िया कुमारी तथा संसाधन सेवी सोनम कुमारी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया।

बालिकाओं के जोश से गूंजा मैदान

पहले दिन अंडर–12 और अंडर–16 बालिका वर्ग की प्रतियोगिताएँ आयोजित की गईं। करीब 20 विद्यालयों से आई प्रतिभागी छात्राओं ने खेल मैदान को उत्साह, रणनीति और खेल भावना से सराबोर कर दिया। मैदान के चारों ओर बच्चों के उत्साहवर्धन की आवाज़ें गूंजती रहीं। बालिकाओं ने जिस आत्मविश्वास और तकनीक के साथ खेल का प्रदर्शन किया, उसने यह स्पष्ट कर दिया कि गया की बेटियाँ किसी भी मंच पर अपनी पहचान बनाने में सक्षम हैं।

कबड्डी में भाग लेती छात्राएं

कड़ी प्रतिस्पर्धा में उभरीं विजेता टीमें

फाइनल मुकाबलों के दौरान खिलाड़ियों के खेल कौशल ने दर्शकों को कई बार तालियाँ बजाने पर मजबूर कर दिया। परिणाम निम्न रहे—

🔹अंडर–12 विजेता: मध्य विद्यालय साहिल पथरा, टेकारी
🔹रनर-अप: LMC टेकरी
🔹तृतीय स्थान: आरडी पब्लिक स्कूल और शमीर तकिया मध्य विद्यालय

विजेता और उपविजेता टीमों को मेडल एवं मोमेंटो प्रदान किए गए, जबकि सभी प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित किया गया।

अतिथियों ने की प्रयासों की सराहना

प्रमंडल कार्यक्रम समन्वयक राजीव रंजन श्रीवास्तव ने कहा—
“कबड्डी साहस, रणनीति और टीम स्पिरिट का खेल है। गयाजी की बालिकाओं ने यह साबित कर दिया कि अवसर मिले तो वे हर क्षेत्र में चमक सकती हैं।”

सहायक कार्यक्रम पदाधिकारी आकाश कुमार ने कहा—
“हर बच्चा अपनी अनोखी क्षमता लेकर आता है। खेल उन्हें अपनी ताकत पहचानने का अवसर देता है। बालिकाओं का अनुशासन और जोश अद्भुत रहा।”

टेक्निकल चेयरमैन आनंद कुमार ने कहा—
“कबड्डी हमारी परंपरा और आत्मा से जुड़ा खेल है। गयाजी की बालिकाओं का प्रदर्शन बताता है कि यहाँ खेल संस्कृति मजबूत हो रही है।”

किलकारी की पहल को मिली सराहना

किलकारी बिहार बाल भवन लंबे समय से कला, संस्कृति, खेल और बाल अधिकारों की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। यह कबड्डी प्रतियोगिता भी उसी प्रयास का हिस्सा रही, जिसने बालिकाओं के आत्मविश्वास को नई ऊँचाई प्रदान की। तालियों की गूंज, खिलाड़ियों का जोश, जीत की खुशी और हार से सीखने की प्रेरणा… इन सबने मिलकर किलकारी के प्रांगण में एक यादगार माहौल बना दिया, जिसे प्रतिभागी और दर्शक लंबे समय तक याद रखेंगे।

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