आर्यावर्त वाणी |गयाजी, 24 अगस्त 2025।
जिले में हरित आवरण को बढ़ाने के लिए वन विभाग लगातार विशेष अभियान चला रहा है। जल-जीवन हरियाली योजना के अंतर्गत कृषि रोडमैप में निर्धारित 4 लाख 99 हजार फलदार एवं काष्ठ प्रजातियों के पौधे जिले के 24 प्रखंडों में जीविका दीदियों के माध्यम से वितरित किए जा रहे हैं। वन विभाग के अनुसार अब तक लगभग 4 लाख पौधों का वितरण हो चुका है।
वन प्रमंडल के अधीन कुल 19 नर्सरियों से पौधों की आपूर्ति की जा रही है। शुक्रवार को विभिन्न स्थानों पर जीविका दीदियों को पौधे दिए गए। जिला वन प्रमंडल पदाधिकारी शशिकांत कुमार ने बताया कि इन पौधों से न केवल जिले का हरित आवरण बढ़ेगा बल्कि ग्रामीणों की आजीविका भी सशक्त होगी।
सीमावर्ती गांवों में मुफ्त पौधों का वितरण
वन विभाग ने जंगल से सटे फ्रिंज विलेज में भी पौधे बांटने की योजना बनाई है। इसका उद्देश्य यह है कि ग्रामीण अपनी जरूरतें पौधों से पूरी करें और जंगल में पेड़ों की कटाई से बचें। फ्रिंज विलेज में 24 हजार पौधे वितरण का लक्ष्य है। इसके तहत गुरपा, फतेहपुर और वजीरगंज के ग्रामीण इलाकों में पौधे बांटे जा रहे हैं।
कृषि वानिकी योजना से मिलेगा प्रोत्साहन
किसानों को भी इस अभियान से जोड़ा जा रहा है। मुख्यमंत्री कृषि वानिकी योजना के तहत किसान अपनी निजी जमीन पर पौधे लगा सकते हैं। विभाग की ओर से यह प्रावधान है कि यदि कोई किसान पौधे को तीन साल तक जीवित रखता है तो प्रति पौधा 70 रुपये प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
इस योजना में पौधा लेते समय किसान को प्रति पौधा 10 रुपये जमा करने होते हैं, लेकिन तीन साल बाद जीवित रहने पर यह 10 रुपये वापस मिलते हैं और साथ ही अतिरिक्त 60 रुपये प्रोत्साहन दिया जाता है। एक किसान को न्यूनतम 10 पौधे लेने की बाध्यता है।
नीम, सागवान, महोगनी और शीशम को दी जा रही प्राथमिकता
इस योजना के अंतर्गत किसान नीम, सागवान, महोगनी, शीशम जैसे काष्ठीय पौधों को खेतों के मेढ़ पर लगा सकते हैं। इनसे खेतों में छाया नहीं पड़ती और बाजार में इन पेड़ों की अच्छी कीमत मिलती है।
वन विभाग का दावा है कि इन योजनाओं से आने वाले समय में गयाजी जिले का हरित आवरण मजबूत होगा और ग्रामीणों की आर्थिक स्थिति में भी सुधार आएगा।
