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आर्यावर्त वाणी | गयाजी | 18 अक्टूबर 2025

गयाजी, धनतेरस के पावन अवसर पर गयाजी में आज श्रद्धा, उल्लास और खरीदारी की रौनक देखने लायक रही। धनतेरस से शुरू होकर दीपावली तक चलने वाले इस त्योहार श्रृंखला की शुरुआत गयाजी में पूरे भक्तिभाव के साथ हुई।

सुबह से ही मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी थी। भगवान धन्वंतरि की पूजा-अर्चना के साथ लोगों ने परिवार के स्वास्थ्य और समृद्धि की कामना की। शाम होते-होते पूरा गयाजी शहर दीपों और रंगोलियों की जगमग रोशनी से नहा उठा।

शहर के प्रमुख बाजार  टेकारी रोड, रमना रोड, टावर चौक, स्वराजपुरी रोड और जीबी रोड में खरीदारों की भीड़ उमड़ पड़ी। हर तरफ उत्साह और खरीदारी का माहौल देखने को मिला।

सोने-चांदी की महंगाई ने तोड़े कई दिल, स्टील और पीतल के बर्तन लेकर चलाया काम।

धनतेरस पर सोना या चांदी खरीदना शुभ होता है पर इस बार लोगो का इसे खरीदना पॉकेट पर बहुत भारी पड़ गया। सोने चांदी के बड़े शोरूमों को छोड़ दे तो इस बार छोटे दुकानों पर पिछले वर्ष की तुलना में बिक्री आधी रह गई। स्थानीय ज्वेलरी दुकानदारों ने बताया कि धनतेरस के मौके पर ग्राहक तो खूब आए, लेकिन सोने-चांदी का भाव सुनकर कई लोग बिना कुछ खरीदे लौट गए। दुकानदारों का कहना है कि अगर सोने-चांदी के दाम छह महीने पहले ही बढ़े होते, तो लोगों को मानसिक रूप से तैयारी का मौका मिलता, लेकिन पिछले कुछ दिनों में अचानक आए उछाल ने खरीदारों का बजट बिगाड़ दिया, जिससे बिक्री पर असर पड़ा। वहीं बर्तन बाजारों में ग्राहकों की लंबी कतारें लगी रहीं और स्टील, पीतल व तांबे के बर्तनों की जमकर बिक्री हुई।

हम सोने की नाक में पहनने वाली कील लेने आए थे पर दुकानदार ने सोने का जो भाव बताया उसको सुनकर हमने ये प्लान त्याग दिया और पीतल की एक थाली ले ली।

“मालती देवी” मानपुर, गयाजी

हालांकि, शहर के कुछ प्रमुख ज्वेलरी शोरूम आज अहले सुबह ही खुल गए थे, जहाँ श्रद्धालु भगवान धन्वंतरि की पूजा के बाद खरीदारी करने पहुंचने लगे थे। गयाजी के बाजारों में धनतेरस की यह रौनक देर शाम तक बनी रही, वहीं दीपों की झिलमिलाहट और खुशियों का माहौल पूरे शहर में त्योहार की चमक बिखेरता रहा।

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