आर्यावर्त वाणी | गयाजी | 2 दिसंबर 2025,
गयाजी; दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय (CUSB) के वाणिज्य एवं व्यवसाय अध्ययन विभाग की शोधार्थी तुलिका और उनके पर्यवेक्षक डॉ. प्रदीप राम (सहायक प्राध्यापक) का शोध पत्र प्रतिष्ठित इंटरनेशनल जर्नल ऑफ़ सोशियोलॉजी एंड सोशल पॉलिसी (एमरल्ड पब्लिशिंग) में प्रकाशित हुआ है। यह जर्नल स्कोपस (Q2), वेब ऑफ साइंस और ABDC कैटेगरी B में सूचीबद्ध है।
शोध का विषय और मुख्य निष्कर्ष
“लिंकिंग सोशल कैपिटल एंड सस्टेनेबल लाइवलीहुड: द मीडिएटिंग इफ़ेक्ट ऑफ़ फाइनेंशियल लिटरेसी एंड मॉडरेटिंग रोल ऑफ़ मार्केट एक्सेस” शीर्षक वाले शोध में यह अध्ययन किया गया है कि सामाजिक पूंजी, वित्तीय साक्षरता और बाज़ार तक पहुँच ग्रामीण आजीविका को कैसे प्रभावित करती है। शोध में पाया गया कि वित्तीय ज्ञान, मजबूत सामाजिक नेटवर्क और बाज़ार उपलब्धता ग्रामीण महिला उद्यमियों की आय स्थिरता तथा उद्यमिता को सशक्त बनाते हैं।
ग्रामीण महिला उद्यमियों के लिए शोध की उपयोगिता
डॉ. प्रदीप राम ने बताया कि यह निष्कर्ष विशेष रूप से बिहार की ग्रामीण महिला उद्यमियों के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। वित्तीय साक्षरता में वृद्धि, समुदाय का सहयोग और बाज़ार तक बेहतर पहुँच महिलाओं के नेतृत्व वाले उद्यमों को मजबूत बना सकती है, जिससे माइक्रोफाइनेंस के परिणाम और अधिक प्रभावी हो सकते हैं।
विश्वविद्यालय समुदाय की प्रतिक्रिया
इस महत्वपूर्ण उपलब्धि पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. कामेश्वर नाथ सिंह, कुलसचिव प्रो. नरेंद्र कुमार राणा, विभागाध्यक्ष और अन्य प्राध्यापकों ने शोध टीम को बधाई दी। विश्वविद्यालय के जनसंपर्क पदाधिकारी मोहम्मद मुदस्सीर आलम ने इसे CUSB के शोध गुणवत्ता और वैश्विक पहचान को और मजबूत करने वाला कदम बताया।
शोधार्थी तुलिका का आभार
शोधार्थी तुलिका ने अपने मार्गदर्शक डॉ. प्रदीप राम, विभागीय संकाय तथा विश्वविद्यालय प्रशासन का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह सफलता गहन शोध, प्रतिबद्धता और विश्वविद्यालय द्वारा प्रदान किए गए प्रोत्साहनपूर्ण शोध वातावरण का परिणाम है।