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आर्यावर्त वाणी | विशेष आलेख | 26 नवम्बर 2025,

नई दिल्ली, आज पूरे देश में संविधान दिवस धूमधाम से मनाया जा रहा है। यह दिन भारत की लोकतांत्रिक यात्रा का ऐतिहासिक अध्याय है, क्योंकि 26 नवंबर 1949 को भारत की संविधान सभा ने भारतीय संविधान को औपचारिक रूप से अपनाया था। संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ, लेकिन अपनाए जाने की स्मृति में यह दिन “संविधान दिवस” के रूप में मनाया जाता है।


संविधान दिवस क्यों महत्वपूर्ण है?

भारत का संविधान दुनिया का सबसे विस्तृत और आधुनिक संविधान माना जाता है। यह नागरिकों को मौलिक अधिकार, कर्तव्य, तथा लोकतांत्रिक संरचना प्रदान करता है। संविधान दिवस हमें यह याद दिलाता है कि देश संविधान और कानून के शासन (Rule of Law) पर चलता है, न कि किसी व्यक्ति की इच्छा पर।


संविधान निर्माण: 2 साल 11 महीने 18 दिन की यात्रा

संविधान सभा ने संविधान तैयार करने में लगभग तीन वर्ष का समय लिया।

  • डॉ. भीमराव अंबेडकर इसके मुख्य शिल्पकार माने जाते हैं।
  • संविधान सभा में 299 सदस्य थे।
  • 11 सत्रों में लगभग 165 दिनों तक बहस चली।
    इस कठिन परिश्रम और व्यापक चर्चा की वजह से भारतीय संविधान इतना मजबूत और सर्वसमावेशी बन पाया।

आज देशभर में कार्यक्रम

संविधान दिवस के अवसर पर आज देशभर में कई कार्यक्रम आयोजित किए गए—

  • संसद भवन में विशेष सत्र और संविधान की उद्देशिका (Preamble) का पठन
  • स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में जागरूकता कार्यक्रम
  • न्यायपालिका एवं प्रशासनिक संस्थानों में कार्यशालाएं
  • विभिन्न मंत्रालयों द्वारा संविधान पर आधारित प्रदर्शनियाँ और सेमिनार

प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, और विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने भी संविधान दिवस पर संदेश जारी करते हुए नागरिकों से संवैधानिक कर्तव्यों का पालन करने का आह्वान किया।


संवैधानिक मूल्य: हमारी पहचान

संविधान हमें पाँच बुनियादी मूल्यों की राह दिखाता है—

  • न्याय
  • स्वतंत्रता
  • समानता
  • बंधुत्व
  • धर्मनिरपेक्षता

ये मूल्य न केवल देश के शासन को दिशा देते हैं बल्कि नागरिकों को एकता, सद्भाव और लोकतंत्र की ओर प्रेरित करते हैं।


क्या आप जानते हैं?

  • पहला संविधान दिवस वर्ष 2015 में आधिकारिक रूप से मनाया गया था।
  • इससे पहले 26 नवंबर को “लॉ डे” के रूप में भी जाना जाता था।
  • भारतीय संविधान लगभग 1,46,000 शब्दों का है, जो इसे दुनिया का सबसे लंबा लिखित संविधान बनाता है।

संविधान का संदेश: अधिकारों के साथ कर्तव्य भी आवश्यक

संविधान जहां हमें अधिकार देता है, वहीं यह कर्तव्यों की भी याद दिलाता है—
देश का सम्मान, पर्यावरण संरक्षण, शिक्षा को बढ़ावा, हिंसा से दूरी जैसे कर्तव्य हर नागरिक को निभाने चाहिए।

संविधान दिवस सिर्फ एक तिथि नहीं, बल्कि भारत की लोकतांत्रिक आत्मा का जश्न है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि एक राष्ट्र के रूप में हमारी शक्ति संविधान की सर्वोच्चता में निहित है।


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