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आर्यावर्त वाणी डेस्क | नई दिल्ली  | 10 अक्टूबर 2025

नई दिल्ली, आज पूरे देश में पारंपरिक उल्लास और श्रद्धा के साथ करवाचौथ का पर्व मनाया जा रहा है। इस अवसर पर विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी आयु, सुख और समृद्धि की कामना के लिए निर्जला व्रत रख रही हैं। सुबह से ही देशभर में मंदिरों, घरों और पूजा स्थलों में विशेष पूजा-अर्चना का आयोजन किया जा रहा है।

दिल्ली, लखनऊ, जयपुर, पटना, भोपाल से लेकर मुंबई और कोलकाता तक महिलाओं में इस व्रत को लेकर जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है। पारंपरिक वेशभूषा, सजी हुई मेंहदी, सुहाग सामग्री और थाली की झिलमिलाहट ने बाजारों और गलियों को उत्सवमय बना दिया है।

सुबह सरगी से शुरू हुआ दिन, शाम को होगा चंद्रदर्शन

करवाचौथ का व्रत सूर्योदय से पहले सरगी से शुरू होता है, यह भोजन विवाहित महिलाओं को उनकी सास की ओर से दिया जाता है। इसके बाद महिलाएं पूरे दिन बिना अन्न और जल ग्रहण किए व्रत रखती हैं।
शाम को करवा माता की पूजा के बाद महिलाएं चंद्रमा के उदय का इंतजार करती हैं। जैसे ही चांद दिखाई देता है, महिलाएं छलनी से चंद्रमा को देखकर अपने पति का दर्शन करती हैं और उनके हाथ से पानी पीकर व्रत तोड़ती हैं।

पारंपरिकता और आधुनिकता का संगम

व्रत की परंपरा जहां भारतीय संस्कृति की जड़ों से जुड़ी है, वहीं आधुनिक समय में यह पर्व प्रेम और साथ निभाने का प्रतीक भी बन गया है। अब कई पति भी अपनी पत्नियों के लिए उपवास रखकर इस दिन को “समानता और साझेदारी” के रूप में मना रहे हैं।

सोशल मीडिया पर भी करवाचौथ से जुड़े फोटो, वीडियो और शुभकामना संदेशों की बाढ़ सी आ गई है। #KarwaChauth2025 और #ChandDekhaTrend देशभर में ट्रेंड कर रहे हैं।

बाजारों में रौनक और उत्सव का माहौल

त्योहार को लेकर बाजारों में भारी भीड़ देखी जा रही है। ज्वेलरी, साड़ियों, ब्यूटी प्रोडक्ट्स और पूजा सामग्री की दुकानों पर खास ऑफर दिए जा रहे हैं। मेहंदी आर्टिस्ट्स और ब्यूटी पार्लरों के बाहर सुबह से ही लंबी कतारें लगी रहीं। महिलाओं ने पारंपरिक लहंगा, साड़ी और सुहाग के प्रतीक लाल-सिंदूर से सजे परिधान पहनकर पर्व की शोभा बढ़ा दी है।

करवाचौथ: आस्था, प्रेम और समर्पण का पर्व

करवाचौथ भारतीय समाज में वैवाहिक संबंधों की पवित्रता और एक-दूसरे के प्रति समर्पण का प्रतीक है। यह पर्व केवल धार्मिक रीति नहीं, बल्कि नारी शक्ति, प्रेम और विश्वास की जीवंत मिसाल है। रात में जब चांद अपनी शीतल किरणों से आकाश को रोशन करेगा, तब देशभर में हर घर में प्रेम और आस्था का उत्सव चरम पर होगा।

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